जन लोकपाल बिल की मांग जबर्दस्ती मनवाना कतई न्यायसंगत नहीं, लेकिन जब पूरी संसद बहस करेगी, तो पूरा देश देखेगा और अन्ना टीम की कोई मांग नाजायज हुई तो खुद नकार देगा।
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यूं आज अरुंधति राय ने देश की जनता को बताया है कि अन्ना एक खोखला बर्तन हैं और बन्दे मातरम् शब्द सांप्रदायिक है व देश को बांटता है-यह चिंतन है या सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने की हवस? जन लोकपाल बिल की मांग जबर्दस्ती मनवाना कतई न्यायसंगत नहीं, लेकिन जब पूरी संसद बहस करेगी, तो पूरा देश देखेगा और अन्ना टीम की कोई मांग नाजायज हुई तो खुद नकार देगा।